Kadaknath - Farming kaise kia jata hai

Kadaknath मुर्गे की एक नस्ल है । इसके काले मांस के कारण इसे काला मासी चिकन के नाम से भी जाना जाता है।  मुर्गे की यह प्रजाति सबसे पहले भारत के मध्य प्रदेश राज्य के झाबुआ और धार जिलों के जंगलों में देखी गई थी।  जंगल के मूल निवासियों ने इसे जंगल से पकड़ कर रखा।  इस मुर्गे के मांस को 30 जुलाई, 2018 से सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (G.I.) Tag रूप में मान्यता दी गई है।

Kadaknath

Kadaknath

Kadaknath का रंग काला होता है और यह जेट ब्लैक, गोल्डन ब्लैक, पेंसिल्ड ब्लैक के रूप में दिखाई देता है। मादा कड़कनाथ का वजन 1.5 से 1.8 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि नर कड़कनाथ का वजन 1.8 से 2 किलोग्राम के बीच होता है। मेलेनिन की मात्रा अधिक होने के कारण कड़कनाथ मुर्गे काले रंग के होते हैं।

Kadaknath मुर्गा पूरी तरह से भारतीय मूल का है.  इसमें ब्रॉयलर मुर्गियों और अन्य रंगीन मुर्गियों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।  इस नस्ल की मुर्गियों को अंडे देने की अवस्था तक पहुंचने में 5 से 6 महीने का समय लगता है।

Kadaknath मुर्गे की प्रजाति का राजा है.  क्योंकि इसका मांस और अंडे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, अमीनो एसिड, विटामिन बी, बी12, सी और के से भरपूर है। दूसरे शब्दों में, NUTRITION की खुराक अधिक है। अंडे का रंग हल्का भूरा भूरा होता है और वजन 40 से 45 ग्राम के बीच होता है।
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Kadaknath मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले जाबुआ का रहने वाला है। इस जिले की पहचान पूरे देश में यहां पाई जाने वाली मुर्गे की नस्ल कड़कनाथ के कारण है। कड़कनाथ मुर्गा न केवल जाबुआ जिले बल्कि मध्य प्रदेश राज्य की शान है और अब कड़कनाथ मुर्गा जाबुआ जिले की पहचान बन गया है. कड़कनाथ को क्षेत्रीय भाषा में कालामासी भी कहा जाता है क्योंकि इसका मांस, खुर, शरीर, जीभ, पैर, नाखून, त्वचा आदि काले होते हैं। जो मेलेनिन पिगमेंट की अधिकता के कारण होता है, जो हृदय और मधुमेह रोगियों के लिए सबसे अच्छा भोजन है। इसका मांस स्वाद से भरपूर और आसानी से पचने वाला होता है, इसी खूबी के कारण बाजार में इसकी काफी मांग है और काफी ऊंचे दाम पर बिकता है।

Conclusion: 

Kadaknath प्रजाति अपने काले मांस के लिए जानी जाती है जो उच्च गुणवत्ता वाला, स्वादिष्ट और औषधीय गुणोंसे भरपूर होता है ।  लेकिन धीरे-धीरे इसके जनसंख्या में गिरावट और आनुवंशिक विकारों के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है ।  इसके महत्व एवं विलुप्ति को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा राष्ट्रीय कृषि नवप्रवर्तन परियोजना के अंतर्गत कड़कनाथ की खेती लागू की गई है।

Ashu Poultry, Dulampur 

FAQ:

सवाल: Kadaknath मुर्गे की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है?
उत्तर: कड़कनाथ मुर्गियों का मांस और अंडे कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और दूसरे मुर्गियों की तुलना में अंडे देने में अधिक समय लेते हैं।  इसलिए इसे ऊंचे दाम पर बेचा जाता है.

प्रश्न: Kadaknath का पालन क्यों करना चाहिए ?
उत्तर: अन्य मुर्गीपालन की तुलना में यह अधिक लाभदायक है तथा मुर्गीपालन की गुणवत्ता अधिक होती है और प्रतिस्पर्धा कम होती है।

सवाल: Kadaknath पालन से कितना मुनाफा होगा?
उत्तर: चिकन की औषधीय गुणवत्ता अधिक होती है इसलिए इसकी कीमत 1000 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती है।  लेकिन यह आपके बाज़ार पर निर्भर करता है।

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